हज़रत शद्दाद बिन औस रज़ियल्लाहु अन्हु से रिवायत है कि रसूलुल्लाह ﷺ ने इर्शाद फ़रमाया: समझदार आदमी वह है जो अपने नफ़्स का मुहासबा करता रहे और मौत के बाद के लिए अ़मल करे और नासमझ आदमी वह है जो नफ़्स की ख़्वाहिशों पर चले और अल्लाह तआ़ला से उम्मीदें रखे (कि अल्लाह तआ़ला बड़े माफ़ फ़रमाने वाले हैं) । (तिर्मिज़ी: 2459)
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