हज़रत अबू हुरैरह रज़ियल्लाहु अन्हु से रिवायत है कि रसूलुल्लाह ﷺ ने इर्शाद फ़रमाया: मेरी उम्मत में मुझसे ज़्यादा मुहब्बत रखने वाले लोगों में से वे (भी) हैं जो मेरे बाद आएंगे, उनकी यह आरज़ू होगी कि काश ! वह अपना घर बार और माल सब क़ुरबान करके किसी तरह मुझ को देख लेते। (Muslim: 7145)
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