हज़रत उमर बिन ख़त्ताब रज़ियल्लाहु अन्हु से रिवायत है कि रसूलुल्लाह ﷺ ने इर्शाद फ़रमाया: अगर तुम अल्लाह तआ़ला पर इस तरह तवक्कुल करने लगो जैसा कि तवक्कुल का हक़ है, तो तुम्हें इस तरह रोज़ी दी जाए, जिस तरह परिनदों को रोज़ी दी जाती है । वह सुबह ख़ाली पेट निकलते हैं और शाम भरे पेट वापस आते हैं । (तिर्मिज़ी: 2344)
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